रानी इंद्रावती की कथा

👉💐 रानी इंदुमती की कथा 💐👈 इंद्र मति नाम की रानी थी चंद्र विजय राजा की पत्नी थी उनकी रानी बहुत धार्मिक थी इतनी श्रद्धालु थी कि उनके गुरुदेव ने उनको बता दिया था क्या बेटी व्रत रखा कर और आए भगत संत को द्वार से भूखा नहीं जाने देना और साधु के भजन करवाने बहुत पुण्य मिलता है जैसे तो पीछे रानी बनी है ना उन कर्मों से बनी है अब पुण मत छोड़ना उसने प्ले गांठ लगा ली और जैसा भी परमात्मा का नाम जानता था उसमेंओम नाम का जाप किया कर अब वह रानी तनी पक्की हो गई एक दिन रोज एक संत को घर पर भोजन कराया करूंगी धन की कमी को ना अरशदा पिछले पुण्य कर्मों से बहुत घणी राजा इतना बागवान था उसको मना नहीं करता था कि तेरी मौज जो तुम्हें ठीक लगे वो तो कर ले उस रानी ने क्या किया कि ऐसा प्रण कर लिया कि मैं भोजन जब खाया करूंगी एक संत ने रोज भोजन करा दूंगी क्योंकि मेरा याद रह जाएगी फिर नहीं होगा 👉 एक दिन संत को प्राप्त नहीं होगा एक बार क्या हुआ यह क्रम चलता रहा कई वर्षों तक कुंभ का मेला आ गया कुंभ क...